Saturday, December 18, 2010
सचेत रहो
सुनने में अटपटा लगता है पर यह सच है कि सच्ची मेहनत और लगन से काम करने वाले को सफलता मिलती है। वजह कुछ भी हो, हकीकत मेहनत रंग लाती है। न किस्मत होती आर न ही पक्षपात, बस उसका काम उसे मुकाम दिला जाता है। हमारे पास बहुत सारे लोग हैं जो रह-रह कर किस्मत की बातें करते हैं। कहते हैं जब समय आएगा तो मनचाही कामना पूरी हो जाएगी। और यदि उनका यह जुमला एक दो बार हिट हो गया तो फिर वह तो पहले परिवार, फिर समाज और अंतत: देश यानि सभी के लिए उपदेश हो जाते हैं। पर कड़वी सच्चाई यह है कि ये जुमले हमेशा हर किसी के साथ हिट नहीं होते हैं। पर वह इन जुमलों से सीख लेता है और जुड़ जाता है उनके सुझाए रास्ते से। मैं यह नहीं कहता कि किसी के 'एक्सपीरियंस का विश्वास मत करो। सिर्फ इतना कहता हूं विश्वास करो तो सिर्फ और सिर्फ मेहनत का। 'हाल ही मेरे एक दोस्त ने ऊंची बुलंदियों को छुआ । मुझे बहुत अच्छा लगा -चलो अपने बीच का काई तो श्ािखर पर पहुंचायह घटना खुद के आत्मवलोकन के बाध्य भी कर सकती है। और हमारे लिए प्रेरणादायी भी हो सकती है। पर हमें इस कड़वी सच्चाई को देखना और मानना होगा। दोस्त की लगन तो देखी, पर उसे कभी अनुसरित नहीं किया। इस बात का गुमान कब तक रखूं। कभी न कभी तो अपने पैरों को आगे लाना होगा और सच्चाई से दो चार भी होना पड़ सकता है। तब क्या हमारे पास इन सारे सवालों को दोहराना का मौका मिलेगा या फिर वह समय हमारे पास लौट कर आएगा कि हम अपनी गलतियों को सुधार लें। बस इस आस के साथ कि हकीकत और सपने में फर्क कर मैं अपने समय का सदुपयोग करूंगा।
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