Thursday, April 29, 2010

बीमारी के बाद

शायद एक दो दिन की बीमारी हमें दूसरी दुनिया से अलग कर देती है। हम बिलकुल निष्क्रिय हो जाते हैं। और सोचते हैं की हमें तो कुछ पता ही नहीं। एइसा सिर्फ इसलिए होता है क्यूंकि हम रोजाना किसी न किसी बहाने या शायद दूसरों से अपने को बेहतर बनाने के लिए जानकारियों से जुड़ते हैं और बीमारी के समय तो सहानुभूति से ही काम चला लेते हैं।
लोगों का नजरिया भी बदला होता है। वह बीमार व्यक्ति को न तो छेड़ना चाहते हैं और न ही परेसान करना। बस उनका मकसद बीमार से मिलना एक फार्मालिटी होता है। वह मिले और चल दिए अपनी दुनिया में।
सो, अपने देखा थोड़े समय की निष्क्रियता ने आपको अपनों से, समाज से और खुद के ज्ञान से ही अलग कर दिया।
क्या आप एईसी जिल्लत भरी जिदगी jina चाहते हैं .........या कुछ और....... यदि और ..........तो अपडेट रहें .........

No comments:

Post a Comment